25 सितंबर को मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान की 13.37 एकड़ भूमि के स्वामित्व और ईदगाह को हटाने को मांग को लेकर सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता श्री हरिशंकर जैन व उनके सुपुत्र श्री अधिवक्ता विष्णु जैन के मार्गदर्शन में श्री कृष्ण विराजमान कटरा केशव देव खेवट, मौजा मथुरा बाजार शहर की ओर से उनकी अंतरंग सखी के रूप में अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री, तथा पक्षकार श्री राजेश मणि त्रिपाठी सहित दो अन्य लोगों के द्वारा श्रीकृष्ण जन्मस्थान की पूरी 13.37 एकड़ जमीन पर दावा पेश किया गया। जिस जगह में शाही ईदगाह मस्जिद बनी है।
मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद काफी पुराना है। 12 अक्टूबर 1968 को श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान ने शाही मस्जिद ईदगाह ट्रस्ट के साथ समझौता किया था। इस समझौते में 13.7 एकड़ जमीन पर मंदिर और मस्जिद दोनों बनने की बात हुई थी। बता दें कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान के पास 10.9 एकड़ जमीन का मालिकाना हक है और 2.5 एकड़ जमीन का मालिकाना हक शाही ईदगाह मस्जिद के पास है। जबकि हमारे पक्ष का स्पष्ट कहना है की शाही ईदगाह मस्जिद को अवैध तरीके से कब्जा करके बनाया गया है। इस जमीन पर हम हिन्दुओ का दावा है। इसलिए शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने और इस जमीन को भी श्रीकृष्ण जन्मस्थान को देने के लिए यह वाद दाखिल किया गया
पहला कटरा केशवदेव राय की 13.37 एकड़ जमीन में से 2.5 एकड़ जमीन पर गैरकानूनी तरीके से ईदगाह मस्जिद बनी है। दूसरा इसी 2.5 एकड़ जमीन पर बनी मस्जिद के नीचे श्रीकृष्ण का जन्मस्थान, यानी कारागार है। तीसरा साल 1969 में मुगल औरंगजेब ने इस जमीन पर जबरदस्ती कब्जा किया गया था और मंदिर तोड़ा था।